Kahani Communisto Ki: Khand 1: 1917 se 1964 tak Vampanth Ka Chaal Charitra aur Chehra [Paperback] [Jan 01, 2017] Sandeep Deo

Kahani Communisto Ki

Khand 1: 1917 se 1964 tak Vampanth Ka Chaal Charitra aur Chehra [Paperback] [Jan 01, 2017] Sandeep Deo

2017

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अद्भुत पुस्तक! यदि आप कौमनष्टों (कम्युनिस्टों) के चरित्र से अपरिचित हैं, तो यह पुस्तक निःसन्देह आपके लिए पठनीय है; परन्तु यदि आपको लगता है कि आप ‘कौमनष्ट' चरित्र से भली-भाँति परिचित हैं तब भी आपको यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए क्योंकि जब आप इसे पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि आप जितना सोचते थे, बल्कि आपकी सोच की जो पराकाष्ठा है, ये कम्युनिस्ट उससे भी कहीं अधिक नीच और अधम हैं।

पिछला पूरा अनुच्छेद एक बार पुनः पढ़ जाइए, केवल ‘कम्युनिस्ट' के स्थान पर ‘नेहरू' रख दीजिए; फिर भी वह अक्षरशः सत्य होगा।

यह पुस्तक तीन खण्डों की शृंखला का प्रथम खण्ड है, पर इसी एक खण्ड में इतने तथ्य व कथ्य हैं कि किसी नेत्रहीन की भी आँखें खुल जाएँ! इस पुस्तक को पढ़िए, पढ़ाइए, बाँटिए; येन-केन-प्रकारेण यह सुनिश्चित कीजिए कि यह पुस्तक देश के हर युवा की आँखों के समक्ष आ जाये, जिससे ‘कौमनष्टों' का यह गिद्ध-गिरोह हमारे राष्ट्र पर पुनः कभी अपनी वक्र-दृष्टि ना डाल सके। जय हिन्द!

November 9, 2020Report this review